SBI (State Bank of India) ने रातों रात अपने ग्राहकों को एक बहुत बड़ा झटका दे दिया है। और जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। दर असल एसबीआई ने ये बदलाव बीते 15 July को ही कर दिया है। और इस बदलाव के बाद उनके सभी ग्राहकों की ईएमआई दर बढ़ने वाली है। जिसके बारे में उन्होंने आधिकारिक रूप से जानकारी दे दी है।
और अपनी साइट पर इसके बारे में विस्तार से लिखा है। आइए आपको बताते हैं क्या है ये पुरी बात। उन्होंने अपनी बैंक की एमसीएलआर दर बढ़ा दी है। इसका मतलब होता है मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट। और इसके बढ़ने के सभी ग्राहकों की ईएमआई दर भी अब बढ़ जाएगी। आपको बता दें कि एमसीएलआर दर में 0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
पहली ये रेट 8 प्रतिशत थी और एक महीने के लिए ये दर 8.15 प्रतिशत थी और वहीं तीन महीनों के लिए भी ये दर कुछ ऐसी ही थी। वहीं 3 महीने का दर 8.45 प्रतिशत और एक साल की दर 8.55 प्रतिशत। दो साल के दर की बात की जाए तो वह थी 8.65 प्रतिशत और 3 साल की दर 8.75 प्रतिशत। जब हमने पता लगाया कि आखिर ये एमसीएलआर इतनी जरुरी क्यों है तो हमें इसके बारे में भी जानकारी मिली।
और पता लगा कि आखिर ये एमसीएलआर होती क्या है और क्यों इसके बढ़ने से सभी दर बढ़ गई है।असल में ये एमसीएलआर एक मिनिमम ब्याज है, जिस पर सभी बैंक उनके सारे ग्राहकों को एक लोन प्रदान करते हैं। ये एमसीएलआर रिजर्व बैंक की ओर से वर्ष 2016 में लाया गया था। और एमसीएलआर की दर बैंकों की तरफ से ही नियंत्रित की जाती है।
सभी बैंकों के लिए हर माह अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर निर्धारित करना जरुरी होता है। और आपको जानकारी दे दें कि अगर भी कोई भी भारतीय बैंक अपने एमसीएलआर में बढ़ोतरी करता है तो। उस बैंक से जुड़े हुए सभी लोन जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन इत्यादि की ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी हो जाती है।