Unknown Facts: आप सब ने गौरैया तो देखी ही होगी। पर क्या आपको याद हैं कि आपने आखिर बार एक गौरैया को कब देखा था। आप में से अधिकतर लोगों को ये बात याद नहीं होगी। आखिर होगी भी कैसे क्योंकि गौरैया की आबादी हमारे देश में तो क्या पूरी दुनिया में तेजी से कम होई जा रही है। और ये एक बहुत बड़ी समस्या है। और उसी समस्या को ध्यान में। रखते हुए भारत का एक परिवार इनकी रक्षा में जुट गया है।
ताकि वो तेजी से कम होती इनकी प्रजाति की संख्या पर रोक लगा सके और इनको विलुप्त होने से बचा सके। और आज हम इस आर्टिकल में उनके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।ये परिवार है बिजनौर के स्योहारा में रहने वाले शेखों का जिन्होंने अपनी बड़ी सी हवेली को इन गौरैया के निवास स्थान में बदल दिया है। ताकि ये यहां पर अपना आश्रय बना सके और खुद को विलुप्त होने से बचा सके।
और ये प्रथा उनके यहां पिछले 300 सालों से चली आ रही है। जिसे अब आज जे समय में भी 52 साल के जमाल निभा रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे। तो आइए जानते हैं कि आखिर इस सब की शुरुआत हुई कैसे। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये परिवार सालों से गौरैया के संरक्षण का काम करते आ रहा है। और पीढ़ी दर पीढ़ी ये काम ये परिवार अपनी आने वाली पीढ़ी को सौंप देता है। जिसे वह पूरी तरह से निभाते हैं।
उनके अनुसार वो आने वाले सालों में भी इस चीज को निभाएंगे। और अपने बच्चों को भी इनको बचाने की शिक्षा देंगे। उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने प्राण लिया है कि वो कभी भी इस हवेली में कोई बदलाव नहीं करने वाले हैं। ताकि इन गौरैया को किसी भी तरह को कोई भी परेशानी ना हो। उन्होंने ये भी कहा कि रोज यहां कई लोग इनको देखने के लिए आते हैं और उनकी और उनके परिवार की तारीफ भी करते हैं।