आज हम बात कर रहे हैं भारत के उन क्रिकेट खिलाड़ियों (India national cricket team) की जिन्होंने अपने दौर में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। और जब भी उनको मौका मिला उन्होंने हमेशा ही खूब रन बनाए। और अपनी टीम को जीतने में एक एहम भूमिका निभाई, पर इन खिलाड़ियों की किस्मत तब भी दुर्भाग्यपूर्ण ही रही। और किसी को भी अपने इन बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम से खेलने का मौका नहीं मिला।
अमरजीत कायपी
इस लिस्ट में पहले स्थान पर आते हैं अमरजीत कायपी, जो कि पंजाब की ओर से खेला करते थे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड काफी दमदार रहा था। और अपने समय में उन्होंने काफी रन भी बनाए। उस समय उनके नाम एक अनोखा रिकॉर्ड भी शामिल था। वो अपने समय में रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे।
राजिंदर गोयल
दूसरे स्थान पर हैं दिल्ली और हरियाणा की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी राजिंदर गोयल। इनका फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड काफी शानदार था। अपने करियर में इन्होंने कुल 639 विकेट हासिल किए थे, जो कि इनको आज भी रणजी इतिहास का सबसे अधिक विकेट लेने वाला खिलाड़ी बनाता है। अपने इतने शानदार खेल के बाद भी उनको कभी इंडियन टीम के लिए डेब्यू करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ।
जलज सक्सेना
ये एक ऐसी खिलाड़ी हैं जो आज के समय में काफी चर्चा में है। और इनको आज तक का सबसे अभाग्यशाली खिलाड़ी बताया जा रहा है। दर असल इनको फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इनके अच्छे प्रदर्शन के बाद भी भारतीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला। और अब बढ़ती उम्र के साथ इनकी डेब्यू करने की सारी की सारी उम्मीदें भी खत्म हो गई है। इनके नाम 133 फर्स्ट क्लास मैच में 410 विकेट हैं।
अमोल मजूमदार
मुंबई की ओर से क्रिकेट खेलने वाले अमोल मजूमदार एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने पहले ही मैच में कमाल कर दिया था। उन्होंने मुंबई की ओर से खेलते हुए अपने पहले ही मैच में ताबड़तोड़ 260 रन बना दिया थे। और उस समय उन्होंने खूब सुर्खियां भी बटोरी थी। उसके बाद उन्होंने 117 मैच में 11 हजार से अधिक रन भी बनाए पर भारतीय टीम से खेलने के सुख से वंचित रह गए।
मिथुन मन्हास
इस लिस्ट में आखिरी नाम है दिल्ली के मिथुन मन्हास का, जिनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास कैरियर में कुल 15 हजार से भी अधिक रन बनाए। और तो और वो आईपीएल में कई नामी टीमों से भी खेले जैसे कि चेन्नई, दिल्ली और पुणे। पर इतना करने के बाद भी वो कभी भारतीय टीम से नहीं खेल पाए।