आज हम मिलेंगे भारत के दो ऐसे कबाड़ीवालों से जो सिर्फ नाम के कबाड़ीवाले हैं पर असल में ये दोनो के दोनो ही करोड़पति (millionaire) हैं। तो आखिर कौन है ये दोनो कबाड़ीवाले जिनकी आज हम बात कर रहे हैं। दर असल हम जिनकी बात कर रहे हैं वो हैं भोपाल के रहने वाले दो इंजीनियर दोस्त, अनुराग और रवींद।
इंजीनियरिंग कर के असफल हुए ये दोनो दोस्त आज के समय में थे कबाड़ीवाला (Kabadiwala Start Up) नाम की एक कंपनी के मालिक हैं। और आज इनकी ये कंपनी करोड़ों का कारोबार करती है। तो आखिर ये दोनो असफल इंजीनियर इतनी बड़ी कंपनी के मालिक बने कैसे, आइए जानते हैं।
इसकी शुरुआत तब हुई जब इन दोनो के दिमाग में एक विचार आया कि एक ऐसा एप बना कर के तैयार किया जाए जिसकी मदद से लोग घर बैठे बैठे ही कबाड़ीवाले को बुला सके। और इसी सोच ने इनकी कंपनी की नीव डाल दी। जिसके बाद इन्होंने एक एप बनाया जिसकी मदद से लोग कबाड़ीवाले को कभी भी अपने घर बुला सकते थे। और वो लोगों के घर जा जा कर के कबाड़ी उठा लेगा।
और इनका ये आइडिया शुरुआत से ही काफी सफल रहा। शुरुआत में ही इनको काफी कॉल आने लगे, और ये खुद ही कबाड़ीवाले बन कर लोगों के घर जाते और कूड़ा उठा कर के लाते थे।इनकी असली कायापलट तब हुई जब एक निवेशक ने इनको तीन करोड़ रुपए फंडिंग के रूप में दिए। जिसके बाद तो मानो इनके लिए सब कुछ बदल गया, और जो कंपनी लाखों का कारोबार कर रही थी। वो कंपनी अब रातों रात करोड़ों की बन गई।
और अब आज के समय में इनकी कंपनी महिने के दस करोड़ से भी अधिक का बिजनेस करती है। और काफी कम समय में ही इनकी कंपनी काफी सफल हो गई है। और धीरे धीरे इनकी कंपनी अपने सेक्टर में सबसे बड़ी कंपनी बनने की ओर भी बढ़ चली है। और इनका कहना है कि वो लक्ष्य भी आने वाले कुछ सालों में पूरा हो जाएगा।