हमारा भारत देश एक नदियों का देश है। जहां पर की कई सारी नदियां बहती है। ये नदियां अगर कल को सुख जाए तो लाखों करोड़ों भारतीयों के लिए भारी मुश्किल हो सकती है। ये नदियां भारतीयों को हर तरह से मदद करती है। और इनके बिना आज के समय में अपनी जिंदगी सोचना भी बड़ा मुश्किल है।
और इन सभी नदियों में एक नदी है नर्मदा नदी (Narmada River)। इस नदी की एक बड़ी खास बात है। दर असल भारत की ये नर्मदा नदी उल्टी दिशा में बहती है। ये भारत की अकेली ऐसी नदी है जो विपरीत दिशा में बहती है। और इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण भी मौजूद है। वैज्ञानिकों ने इसको ले कर के अपना एक तर्क भी दिया है।
और ये कहा जाता है कि रिफ्ट वैली के कारण नर्मदा नदी का बहाव उल्टी दिशा में होता है। इसका मतलब ये है कि नदी का बहाव जिस दिशा में हो उसकी ढलान उसके विपरीत में। और इसी ढलान की वजह से इसका बहाव पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर है। और तो और नर्मदा नदी के विपरीत दिशा में बहने के पीछे एक लोकप्रिय कहनी भी मौजूद है।
इसके पीछे यह मान्यता है कि पौराणिक काल में नर्मदा नदी का विवाह सोनभद्र से तय किया गया था। पर आगे चल कर के नर्मदा नदी की सहेली के कारण से उन दोनों में काफी दूरियां आ गई थी। और इसी वजह से फिर आगे चल कर के नर्मदा नदी ने अजीवन कुंवारी रहने का फैसला कर लिया।
और इसके बाद ही नर्मदा ने धारा के विपरीत बहने का अपना निर्णय लिया। और आज तक वो धारा के विपरीत ही बह रही है। कई लोग नर्मदा नदी के उल्टी दिशा में बहने के पीछे का कारण इसके वैज्ञानिक तथ्य को मानते हैं। तो कई लोग इसके पीछे की पौराणिक कथा को ही सत्य मानते हैं।